दबदबा SHARE FacebookTwitter दबदबा, हुकूमत, नशा और दौलत; ये सब किरायेदार हैं, घर बदलते रहते हैं! SHARE FacebookTwitter
कोयल अपनी भाषा बोलती है, इसलिये आज़ाद रहती है, किंतु तोता दूसरे कि भाषा बोलता है,.......Read Full Message